FASCINATION ABOUT पारद शिवलिंग मंत्र

Fascination About पारद शिवलिंग मंत्र

Fascination About पारद शिवलिंग मंत्र

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सबसे पहले शिवलिंग को एक सफेद कपड़े के आसन पर रखना चाहिए।

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सांसारिक सुखो की प्राप्ति होती है पारद कहते हैं पारा यानी मरकरी को जो आपको थर्मामीटर के अंदर चमकता हुआ दिखता है।

शिवलिंग पर संध्या के समय जल चढ़ाया जा सकता है। शाम के समय जल चढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है व्यक्ति अपनी श्रद्धा से शिवलिंग पर सुबह और शाम दोनों ही स



पाऱ्यापासून निर्मित शिवलिंगाचे आहे विशेष महत्त्व, केवळ स्पर्शाने मिळते पुण्य

 अथर्ववेद के इन निम्न श्लोकों में स्तंभ का उल्लेख हुआ है:



मंदिर में शिवलिंग रखने के लिए उसके आकार को ध्यान में रखना जरूरी नहीं है जबकि घर पर शिवलिंग को रखने के लिए यह ध्यान रखना बेहद ही आवश्यक यही कि वह शिवलिंग अंगूठे के आकर से बड़ा न हो। इसके पीछे की ख़ास वजह यह है कि शिवलिंग एक अग्नि स्तम्भ माना जाता है और इस कारण यदि बड़े आकार का शिवलिंग घर में रखा जाए तो उसमें समाहित वह ज्वलंत शक्ति विनाशकारी साबित हो सकती है।

ब्रह्मचारिणी – ह्रीं श्रीं अम्बिकायै नमः।।

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ऐसी अद्भुत महिमा है पारे के शिवलिंग की। आप भी इसे अपने घर में स्थापित कर घर में समस्त दोषों से मुक्त हो सकते हैं। लेकिन ध्यान अवश्य रहे कि साथ में शिव परिवार को भी रख कर पूजन करें।

ज्या घरात पारद शिवलिंग असेल तेथे कोणताही वास्तू दोष जास्त निगेटिव्ह फळे check here देत नाही.

श्रावण सोडून इतर कोणत्याही वेळी ह्याची स्थापना विधी विधानाने करावी लागेल असे माझे मत आहे.

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